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Wednesday 2 May 2012

सांम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक 2011 एक खतरनाक और घातक बिल - आर॰एन॰पी॰ सिंह

1॰     विधेयक दंगों के लिए हिंदुओं को जिम्मेवार मानता है। इस विधेयक की आधारभूत मान्यता ही गलत है। यह सच्चाई के बिल्कुल विपरीत है। प्राप्त विवरण के अनुसार भारत में पहला साम्प्रदायिक दंगा 1713 में अहमदाबाद में हुआ था। उस समय से आज तक के दंगों के कारण देखें तो मुख्य रूप से उनके कारण इस प्रकार मिलते हैं।
2॰     मस्जिद के पास गाजे बाजे बजना
3॰     मस्जिद या किसी मुसलमान पर गुलाल के छीटें पड़ना
4॰     पूजा स्थान पर किसी समुदाय विशेष का कब्जा
5॰     पूजा स्थल की जमीन पर किसी प्रकार का विवाद
6॰     मस्जिद के बगल से हिंदू जुलूस का निकलना
7॰     हिंदू जुलूस पर पथराव
8॰     धार्मिक चिन्ह को अपमानित करना
9॰     किसी दूसरे समुदाय द्वारा धार्मिक जुलूस को रोकना
10॰    मुसलमानों द्वारा गोवध कर हिंदू समुदाय के धार्मिक भावना को चोट पहुँचाना
11॰    मुसलमानों द्वारा बकरीद के मौके पर गावध
12॰    मुसलमानों के द्वारा गाय को घायल करना
13॰    गो मांस बेचना
14॰    देवमूर्ति, मन्दिर या मस्जिद पर गोमांस या सूअर का मांस फेंक कर अपवित्र करना
15॰    दो समुदायों में सामुहिक या व्यक्तिगत विवाद, किसी व्यापार को लेकर
16॰    हिंदू-मुस्लिम माफियाओं के बीच प्रतिद्वंद्विता
17॰    हिन्दू या मुस्लिम लड़कियों का बलात्कार, उनका अपहरण या छेड़छाड़
18॰    दूसरे समुदाय में शादी
19॰    धर्मांतरण
20॰    अफवाह
21॰    अन्य
22॰    उपरोक्त सभी कारणों से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि सांप्रदायिक दंगे किसी एक वर्ग विशेष की उपज नहीं अपितु यह समय एवं तात्कालिक कारणों पर आधारित होती है। इसीलिए केवल बहुसंख्यकों को साम्प्रदायिक दंगों के लिए जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता।


आईबी के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी तथा पुस्तक के लेखक हैं    

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